पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान https://martinvlvzu.izrablog.com/30297953/not-known-details-about-shiv-chalisa-lyrics-in-english-with-meaning