उन्हें आनंद जी का एक आम आदमी को थप्पड़ मारना अच्छा नहीं लगा. अगर आप सही जगह पर नहीं हैं, तो आपकी ताकत, कौशल और ज्ञान बेकार हैं। फिर क्या था पंचों ने अपना फैसला सुनाया कि सारे गवाहों और सबूतों को मद्दे नजर रखते हुए पंचायत इस नतीजे पर https://lokhitkhabar.com/