ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥ हनुमान गायत्री मंत्र का अर्थ और महत्व भूत पिशाच निकट नहिं आवै। महावीर जब नाम सुनावै॥ राम काज करिबे को आतुर ॥७॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा। विकट रुप धरि लंक जरावा॥ You are classified as https://vashikarantotke34333.blog-eye.com/35075170/the-smart-trick-of-hanuman-mantra-that-nobody-is-discussing